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कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति

कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के compute शब्द से हुआ है जिसका अर्थ होता है गणना करना।

कंप्यूटर को हिंदी में संगणक किया अभिकलित्र कहा जाता है जिसका अर्थ होता है गणना करने वाली मशीन।

परिभाषा

कंप्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो उत्तर तथा निर्देशों को इनपुट के रूप में संग्रहण करता है, पूर्व निर्धारित निर्देशों के अनुसार उनका प्रक्रिया करता है तथा आवश्यक परिणाम को निश्चित प्रारूप में आउटपुट के रूप में निर्गत करता है। यह डाटा के भंडार तीव्र गति और त्रुटि रहित ढंग से उसके गणना का कार्य करता है। साथ ही साथ सभी प्रक्रियाओं पर नियंत्रण करने का कार्य करती है।

  • डाटा अपरिष्कृत वस्तुओं का संग्रह है।
  • अपरिष्कृत डाटा को जब प्रक्रिया किया जाता है तो वह परिष्कृत वस्तु में बदल जाता है जिसे सूचना कहते हैं।
  • वह जानकारी जिसमें बुद्धिमत्ता होता है ज्ञान कहलाता है।
  • कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसका उपयोग गणितीय और तार्किक घटनाओं के लिए होता है

कंप्यूटर की विशेषता ( characteristics of computer)

  1. गति –
  • कंप्यूटर के द्वारा एक सेकंड में लाखों गणनाएं की जा सकती है।
  • वर्तमान में कंप्यूटर नैनो सेकंड में गणना कर सकता है।
  • कंप्यूटर प्रोसेसर की स्पीड को हर्टज (Hz) से नापते हैं।
  • कंप्यूटर में इंस्ट्रक्शन को रीड करने की स्पीड ( MIPS- million instructions per second नापी जाती है।
  • सुपर कंप्यूटर की गति को ( FLOPS – floating point operations per second) में मापते हैं।

2. भंडारण क्षमता

कंप्यूटर में मेमोरी होती है जो प्रोसेसिंग के लिए निर्देशों को और प्रोसेसिंग के बाद प्राप्त सूचना को स्टोर करने का कार्य करता है।

विशाल भंडारण क्षमता (large storage capacity) -कंप्यूटर में हार्ड डिस्क एक सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस है, जो की विशाल मात्रा में डाटा को लंबे समय तक स्टोर करके रखता है आज के समय में SSD solid state drive भी उपयोग में लिया जा रहा है सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस में डाटा भविष्य में उपयोग के लिए सुरक्षित रखा जाता है।

स्थाई भंडारण क्षमता(permanent storage capacity) – कंप्यूटर में किसी उत्तर अथवा सूचना को स्थाई तौर पर स्टोर कर सकते हैं।

3. भंडारीत सूचना को तीव्र गति से प्राप्त करना – रैंडम एक्सेस डिवाइस के माध्यम से हम डाटा को डायरेक्ट उसके लोकेशन से फैच कर सकते हैं। कैश और रजिस्टर जैसे तीव्र मेमोरी के कारण भंडार सूचना को तीव्र गति से प्राप्त किया जा सकता है।

4. जल्दी निर्णय लेने की क्षमता (Quick Decision) – कंप्यूटर नैनो सेकंड में गणनाएं करता है जिसके कारण कोई भी निर्णय लेने या आउटपुट देने की तीव्र गति( क्विक) है।

5. पुर्नावृत्ति (repetition) – कंप्यूटर पूर्व निर्धारित निर्देशों का पालन करता है निर्देशों के संग्रह को प्रोग्राम कहते हैं एक बार यह प्रोग्राम कंप्यूटर में डाल देने के बाद कंप्यूटर उनका पालन करके लंबे समय तक यह कार्य बार-बार दोहरा सकता है।

6. कागजों का कम प्रयोग ( paperless work) – computer में सारे काम डिजिटल रूप में किए जाते हैं जिसके कारण सभी डाटा कंप्यूटर की मेमोरी में स्टोर किए जाते हैं जिससे मैन्युअल पेपर वर्क में कमी आती है।

7. गोपनीयता (secrecy) – कंप्यूटर हमें पासवर्ड प्रोटक्शन फाइल हेडिंग और पेरेन्कटल ट्रोल जैसी सुविधा प्रदान करता है जिसके माध्यम से हम कंप्यूटर को अनाधिकृत यूजर के हस्तक्षेप से बचा सकते हैं साथ ही साथ फायरवॉल एक ऐसी सुविधा है जो कंप्यूटर सिस्टम को अनाधिकृत हस्तक्षेप से बचाती है।

8. बहुरूपता (Versatile) – computer एक ही समय पर कई अलग-अलग कार्य को संपादित कर सकते हैं जैसे – एक ही समय पर संगीत सुन सकते हैं किसी डॉक्यूमेंट फाइल पर लेटर लिख सकते हैं।

9. शुद्धता (accuracy) कंप्यूटर किसी भी कार्य को पूर्ण रूप से शुद्धता के साथ संपन्न करता है।

-कंप्यूटर की शुद्धता को GIGO ( garbage in garbage out) से मापते हैं।

प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक घटक

  1. हार्डवेयर (Hardware)
  • कंप्यूटर की वे सभी भाग जिन्हें हम देख सकते हैं छू सकते हैं हार्डवेयर कहलाता है जैसे कीबोर्ड ,माउस , सीपीयू आदि।
  • इस कंप्यूटर का भौतिक घटक अथवा मूर्त घटक भी कहा जाता है।
  • हार्डवेयर को कंप्यूटर का शरीर ( Body of computer)भी कहा जाता है।

2. निर्देश (Instruction) – कंप्यूटर को प्रोसेस करने के लिए दिया गया कमांड इंटरेक्शन instruction कहलाता है।

3. प्रोग्राम(Program) – जब एक से अधिक इंस्ट्रक्शन एक साथ या एक समूह (set of instruction) में कंप्यूटर को दिए जाते हैं तो उसे प्रोग्राम कहते हैं।

4. सॉफ्टवेयर ( software) –

  • जब कोई प्रोग्राम का समूह(set up program) जो कंप्यूटर द्वारा किसी विशेष कार्य को संपादित करने के लिए बनाया जाता है उसे सॉफ्टवेयर कहा जाता है जैसे फोटोशॉप एक सॉफ्टवेयर है जिसका उपयोग फोटो एडिटिंग के लिए किया जाता है।
  • इस कंप्यूटर का अमूर्त घटक भी कहते हैं।
  • सॉफ्टवेयर कंप्यूटर की आत्मा कहलाती है।

5. डाटा(data) – स्वचालित अपरीष्कृत आंकड़े तथा कच्चा तथ्य का समूह ( Row Fact)जिसका उपयोग प्रक्रिया के लिए किया जाता है डाटा कहलाता है।

डाटा के प्रकार –

  1. न्यूमैरिक डाटा ( numeric data) – 0 से 9 तक या इसे बनी संख्या न्यूमैरिक डाटा में आती है।
  2. अल्फाबेटिक डाटा ( alphabetic data) – A से Z तक या इनमें बने सब दिया वाक्य अल्फाबेटिक डाटा में आते हैं।
  3. अल्फा न्यूमैरिक डाटा ( alphanumeric data) – वह डाटा जो अंको और अक्षरों के साथ-साथ विशेष कॉन को भी अपने साथ समाहित करें, अल्फान्यूमैरिक डाटा कहलाता है जैसे – अल्फान्यूमैरिक डाटा कहलाता है। जैसे – कोई पता House No – 342/11 यह अल्फान्यूमैरिक डाटा है।

डाटा के रूप –

1. अक्षर (Text)

2. चित्र ( Image )

3. ध्वनि ( Audio)

4. चलचित्र ( video)

6. सूचना ( Information) – अव्यवस्थित डाटा पर प्रक्रिया अप्लाई करने के लिए जो व्यवस्थित आउटपुट हमें प्राप्त होता है उसे सूचना कहते हैं प्रक्रिया से प्राप्त परिणामों को सूचना या प्रोसेस डाटा को सूचना कहते हैं।

  • डाटा आंकड़ों का अव्यवस्थित रूप है।
  • सूचना आंकड़ों का अवस्थित रूप है।
  • प्रक्रिया के बाद डाटा को सूचना कहते हैं।

डाटा और सूचना में अंतर

डाटा

  1. असंसाधित तथ्य टेक्स्ट संख्याएं चित्र आदि आंकड़े डाटा कहलाते हैं।
  2. डाटा कच्चे तथ्यों का अवस्थित संकलन है।
  3. उत्तर अपरीष्कृत वस्तुओं का संग्रह है।
  4. डाटा अप्रसंस्कऋत आंकड़ा है।
  5. डाटा निरर्थक आंकड़ा है।
  6. अप्रसंस्करण आंकड़ा को डाटा कहा जाता है।
  7. प्रोसेस से पूर्व आंकड़ा डाटा कहलाता है।

सूचना

  1. प्रोसेस के पश्चात संसाधित तथ्य को सूचना कहते हैं।
  2. सूचना पक्के तथ्यों का व्यवस्थित संकलन है।
  3. सूचना परिष्कृत वस्तुओं का संग्रह है।
  4. सूचना प्रसंस्कृत आंकड़ा है।
  5. सूचना सार्थक आंकड़ा है
  6. प्रसंस्करण डाटा को सूचना कहते हैं
  7. प्रक्रिया के पश्चात डाटा सूचना कहलाता है।

कंप्यूटर की कार्य प्रणाली

input ➡️ microprocessor ➡️ output

Data ➡️ process ➡️ information

. ⬆️

. Interaction

ऊपर प्रदर्शित चित्र में इनपुट के रूप में डाटा माइक्रोप्रोसेसर में जाता है जहां पर पूर्व निर्धारित निर्देशों का पालन करके माइक्रोप्रोसेसर द्वारा प्रक्रिया का कार्य किया जाता है जिसके बाद आउटपुट के रूप में हमें इनफॉरमेशन प्राप्त होता है।

कंप्यूटर मुख्यतः 4 बुनियादी कार्य कर सकता है जो निम्न है

कंप्यूटर को दी गई जानकारी अर्थात कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस द्वारा प्रविष्ट किया गया रो या अव्यवस्थित डाटा जिस पर प्रोसेसिंग किया जाना है इनपुट डाटा कहलाता है।

उत्तर व प्रोग्राम को स्थाई रूप से स्टोर करना जिसके लिए कंप्यूटर में द्वितीयक मेमोरी के रूप में हार्ड डिस्क का प्रयोग किया जाता है अस्थाई रूप से डाटा स्टोर करने के लिए प्राथमिक मेमोरी का प्रयोग किया जाता है।

निर्देशों का क्रियान्वयन करके डाटा को सूचना में बदलने के लिए की गई गणना डाटा प्रोसेसिंग चल आती है यह क्रिया माइक्रोप्रोसेसर में संपादित होती है।

कंप्यूटर से ली गई जानकारी अर्थात प्रोसेसिंग से प्राप्त सूचना को यूजर को प्रदर्शित करना डाटा आउटपुट कहलाता है जिसके लिए आउटपुट डिवाइस जैसे मॉनिटर स्पीकर प्रिंटर का प्रयोग किया जाता है।

Data input ⬅️ keyboard ,mouse ,trackball ,joystick ,light pen

Data storage ⬅️ Register ,RAM, ROM, HDD

Data storage⬅️ CPU , ALU, CU

Data output ⬅️ monitor, VDU, Speaker, Printer

डाटा इनपुट डाटा स्टोर और प्रक्रिया के लिए जिन डिवीजन का उपयोग किया जाता है उनके नाम चित्र में प्रदर्शित है।

नोट :-

  • टेक्स्ट कॉपी करना कंप्यूटर का आधारभूत कार्य नहीं है।
  • कंप्यूटर बुलियन बीज गणित पर आधारित होता है।
  • कंप्यूटर डेटा विश्लेषण कार्य नहीं करता।
  • एक कंप्यूटर प्रोग्राम के माध्यम से डेटा प्रविष्टि करना एवं प्रोग्राम से डाटा प्राप्त करना या इनपुट से लेकर आउटपुट प्राप्त करने तक की पूरी प्रक्रिया को इनपुट आउटपुट ऑपरेशन कहा जाता है।

कंप्यूटर के उपयोग (application of computer)

  • Data processing/word processing
  • शिक्षा/स्कूल /कॉलेज
  • बैंक
  • चिकित्सा विज्ञान
  • सूचनाओं का आदान-प्रदान
  • रक्षा
  • रेलवे एवं एयरलाइन रिजर्वेशन
  • वैज्ञानिक अनुसंधान
  • पुस्तकालय
  • संचार
  • अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी
  • मनोरंजन/गेम खेलना
  • प्रशासनिक
  • प्रकाशन
  • औद्योगिक व व्यापारिक
  • हवाई यात्रा
  • जल यात्रा

कंप्यूटर की सीमाएं

  1. बुद्धिहीन – भावना ,अनुभूति की कमी पाई जाती है।
  2. खर्चीला
  3. वायरस का खतरा
  4. विद्युत पर निर्भरता

कंप्यूटर की संरचना (Computer architecture)

कंप्यूटर के सभी उपकरण एवं उनके संबंध को ही कंप्यूटर की संरचना कहते हैं मुख्यतः तीन भागों से मिलकर बना होता है।

चित्र -:

इनपुट यूनिट( input unit)

  • Computer कौवा भाग होता है जिसके माध्यम से कंप्यूटर को डाटा प्रोग्राम अनुदेश निर्देशों का प्रविष्ट किया जाता है जैसे माउस की कीबोर्ड स्केनर जॉयस्टिक माइक्रोफोन लाइट पेन इस टच स्क्रीन आदि।

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट/माइक्रोप्रोसेसर (CPU)

  • यह संघन सर्किट चीप होता है। जिसमें रजिस्टर एवं कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे होते हैं।
  • अंक गणितीय तथा तार्किक संबंधी कार्य सीपीयू द्वारा किया जाता है।
  • इसका मुख्य लक्ष्य गणना करके डाटा को सूचना में बदलना होता है।
  • सीपीयू कंप्यूटर का वह भाग होता है जहां कंप्यूटर के सभी कार्य संपन्न होते हैं।
  • कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच इंटरफेस प्रदान करता है।
  • सीपीयू कंप्यूटर का दिमाग या मस्तिष्क कहलाता है।
  • एक कंप्यूटर सिस्टम में सीपीयू/माइक्रोप्रोसेसर से एक पंखा जुड़ा होता है।
  • सीपीयू के द्वारा hyper thrending का सपोर्ट प्रदर्शन किया जाता है।
  • यह कंप्यूटर का हृदय एवं तेज कैलकुलेटर होता है।
  • तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में इस चिप का प्रयोग किया जाता है।
  • IC चिप ने चौथी पीढ़ी में माइक्रोप्रोसेसर का रूप लिया है।
  • microprocessors के अंदर कंप्यूटर की सबसे छोटी मेमोरी रजिस्टर उपस्थित होती है।

मेमोरी यूनिट (Memory Unit)

सीपीयू का वह स्थान जो कंप्यूटर में डाटा के भंडारण के लिए स्थान उपलब्ध कराता है इस यूनिट के दो भाग होते हैं।

1. प्राथमिक मेमोरी

  • इसे आंतरिक या मुख्य मेमोरी भी कहते हैं।
  • जहां डाटा अस्थाई रूप से स्टोर किया होता है।
  • सभी प्राथमिक मेमोरी मदरबोर्ड पर स्थित होती है।
  • प्राथमिक मेमोरी माइक्रोप्रोसेसर से सीधी जुड़ी होती है।

2. द्वितीयक मेमोरी

  • इस कंप्यूटर की स्थाई मेमोरी कहते हैं।
  • जहां डाटा स्थाई रूप से स्टोर किया जाता है।
  • यह मदरबोर्ड से बाहर स्थित होती है।
  • प्राथमिक मेमोरी की सहायता के लिए कंप्यूटर में लाई गई मेमोरी को द्वितीयक या सहायक मेमोरी कहते हैं।

B. कंट्रोल यूनिट ( Control unit )

  • कंप्यूटर कर भाग जहां से कंप्यूटर के सभी आंतरिक व बाह्य गतिविधियों का नियंत्रण होता है।
  • इस कंप्यूटर का नाड़ी तंत्र भी कहते हैं।
  • कंप्यूटर के सारे निर्देश कंट्रोल यूनिट से गुजरते हैं, यह निर्धारित करता है कि माइक्रोप्रोसेसर कि गणना को कब करेगा।
  • अर्थात या प्रोसेस मैनेजमेंट का कार्य करता है।
  • यह अर्थमेटिक लॉजिक नियंत्रित करने का कार्य करता है।
  • माइक्रोप्रोसेसर द्वारा निर्देशों को पढ़ने का क्रम निर्धारण करता है।

मशीन चक्र( machine cycle)

  • फैंचिग (Watching) – माइक्रोप्रोसेसर द्वारा इंस्ट्रक्शन को संपादित करने के लिए मेमोरी से प्राप्त करने की प्रक्रिया fatching कहलाता है।
  • डिकोडिंग( decoding) – फैच किए गए इंटरेक्शन को मशीन लैंग्वेज या कंप्यूटर के समझने योग्य भाषा में बदलने की क्रिया डिकोडिंग कहलाती है।
  • निष्पादन (Execution )- डिकोड किए गए इंटरेक्शन को माइक्रोप्रोसेसर द्वारा एग्जिक्यूट करने की क्रिया।
  • प्रभावी पते को पढ़ना – मेमोरी के लोकेशन से प्रभावित पेते को पढ़कर डाटा पैच किया जाता है निष्पादन के बाद प्राप्त रिजल्ट को मेमोरी के इफेक्टिव एड्रेस पर स्टोर किया जाता है।

चित्र

c . Arithmetic logic unit (ALU)

  • सीपीयू के इस भाग में सभी गणितीय व तार्किक कार्य संपन्न होते हैं।
  • अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट के दो भाग होते हैं 1. अर्थमैटिक यूनिट 2. लॉजिक यूनिट
  • अर्थमैटिक यूनिट – माइक्रोप्रोसेसर के द्वारा सभी गणितीय गणनाओं को करने के लिए अर्थमैटिक यूनिट का प्रयोग किया जाता है।
  • लॉजिक यूनिट – माइक्रोप्रोसेसर के द्वारा सभी लॉजिकल या तार्किक गणनाओं को करने के लिए लॉजिकल यूनिट का प्रयोग किया जाता है।
  • ALU और सीपीयू माइक्रोप्रोसेसर के अंदर स्थित होते हैं।
  • ALU और CU एक हार्डवेयर नहीं है, बल्कि हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का समूह है।

आउटपुट यूनिट ( output unit )

  • कंप्यूटर का वह भाग होता है जो कंप्यूटर द्वारा प्रक्रिया किए गए परिणामों को प्राप्त करके यूजर के समझने योग्य भाषा में बदलता है और उपयोगकर्ता को प्रदर्शित करता है। जैसे – मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर, प्लॉटर आदि।

कुछ कारकों के सीपीयू पर प्रभाव

शब्द परास (word length) –

  • कंप्यूटर के प्रोसेसर द्वारा प्रक्रिया की गई बीट की लंबाई शब्द परास कहलाती है।
  • कंप्यूटर का शब्द लेंथ जितना अधिक होगा सीपीयू की गति उतनी बढ़ेगी।
  • घरों में उपयोग किए जाने वाले कंप्यूटर में 32 बीट और 64 बीट शब्द परास उपयोग होता है।

कैश मेमोरी ( cache memory) –

  • कैश मेमोरी राम और माइक्रोप्रोसेसर के बीच बफर मेमोरी की तरह कार्य करता है।
  • माइक्रोप्रोसेसर द्वारा बार-बार उपयोग में लाया गया डाटा कैश मेमोरी में स्टोर किया जाता है।
  • माइक्रोप्रोसेसर को डाटा कैश में मिल जाने पर वह डाटा को हार्ड डिस्क से फैच नहीं करता है।
  • कैश मेमोरी की साइज अधिक होने से माइक्रोप्रोसेसर की प्रोसेसिंग गति बढ़ जाती है।

कंप्यूटर गति (computer speed)

  • माइक्रोप्रोसेसर की गति हर्टज में मापी जाती है।
  • एक कंप्यूटर क्लॉक प्लस के अनुसार कार्य करता है।
  • सिस्टम को लॉक कहते हैं।
  • सिस्टम क्लॉक जितने अधिक क्लॉक प्लस उत्पन्न करेगा कंप्यूटर की गति उतनी तीव्र होगी।

सिस्टम बस की चौड़ाई (width off system bus)

  • सिस्टम बस की चौड़ाई जितनी अधिक होगी वह माइक्रोप्रोसेसर तक इतने लंबे लेंथ का डाटा प्रोसेस के लिए भेज पाएगा
  • सिस्टम बस 32 व 64 बीट के हो सकते हैं।
  • 32 बीट सिस्टम बस में 32 बीट लंबा डाटा माइक्रोप्रोसेसर तक पहुंच सकता है।

माइक्रोप्रोसेसर की क्षमता ( capacity of microprocessor)

  • एक माइक्रोप्रोसेसर की गति उसकी क्षमता पर निर्भर होती है।
  • जैसे एक सिलिकॉन चिप में दो माइक्रोप्रोसेसर लगा दिए जाए तो उसे डुएल कोर प्रोसेसर कहा जाता है
  • अगर एक चिप में चार माइक्रोप्रोसेसर लगा दिए जाए तो उसे क्वाड कोर प्रोसेसर कहते हैं।
  • अगर एक चिप में 8 माइक्रोप्रोसेसर लगा दिए जाए तो उसे आक्टा कोर प्रोसेसर कहते हैं।
  • इस प्रकार के सभी प्रोसेसर पैरेलल प्रोसेसिंग के लिए प्रयोग किए जाते हैं जिससे सीपीयू की कार्य क्षमता में वृद्धि होती है।

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