सच्चर कमिटी
सरकार ने महसूस किया कि भारत के मुस्लिम समुदाय की सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति के बारे में सही जानकारी का अभाव है, जिस कारण इस समुदाय के सामाजिक आर्थिक पिछड़े पैन से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए नीतियों और कार्यक्रमों की योजना बनाने सूत्रबद्ध करने तथा उसकी क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न होती है। इसलिए सरकार ने इन पहलुओं पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। इस समिति को गठन वर्ष 2005 में मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र सच्चर की अध्यक्षता वाली सात सदस्य सच्चर कमेटी से की गई। इस कमेटी का मुख्य उद्देश्य यह था कि वह निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर ढूंढेंगी –
// किन राज्यों इलाकों जिला और प्रखंड में भारत के अधिकतर मुसलमान रहते हैं। उनकी आर्थिक गतिविधियों का भौगोलिक तरीका क्या है। अर्थात विभिन्न राज्यों क्षेत्र और जिलों में अपने जीवन व्यतीत के लिए अधिकतर किस तरह का कार्य करते हैं।
// विभिन्न राज्य और क्षेत्र में अन्य समूह की तुलना में उनके संपत्ति का आदर और आय का स्तर क्या है?
// साक्षरता दर ,पढ़ाई छोड़ने की दर, मातृत्व मृत्यु दर ,शिशु मृत्यु दर आदि के मामलों में सामाजिक आर्थिक विकास का स्तर क्या है?
// विभिन्न राज्यों में ,इससे अन्य समुदाय की तुलना कैसे की जाती है?
// सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में रोजगार के मामले में उनकी तुलनात्मक हिस्सेदारी क्या है? क्या यह विभिन्न राज्यों में अलग-अलग है और ऐसे अंतर का कारण क्या है?
// क्या रोजगार में उनके हिस्सेदारी विभिन्न राज्यों में उनकी आबादी के समानुपात में है? यदि नहीं तो इसमें कैसी बधाएं हैं?
// विभिन्न राज्यों में अति पिछड़े वर्ग की कुल आबादी में मुसलमान और ओबीसी का सामानुपाती क्या है?
// क्या अति पिछड़े वर्ग के मुसलमान को राष्ट्रीय और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा तैयार तथा केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा आरक्षण के लिए सरकार ओबीसी की व्यापक सूची में शामिल किया गया है या नहीं?
// केंद्र और विभिन्न राज्यों में सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों मैं बीते वर्षों के दौरान मुस्लिम ओबीसी की हिस्सेदारी क्या रही है?
// क्या मुस्लिम समुदाय को शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं नगर पालिका की बुनियादी सुविधाएं सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के निकायों द्वारा प्रदत्त अन्य सेवाएं उपलब्ध हो रही है?
// विभिन्न राज्यों में अन्य समुदायों के साथ इनका तुलनात्मक विश्लेषण क्या है?
// विभिन्न राज्य में सामान्य स्तर पर उपलब्ध सामाजिक सुविधा का स्तर क्या है?
सच्चर कमिटी की सिफारिशें
सच्चर कमेटी की महत्वपूर्ण सिफारिशें निम्नलिखित हैं –
// वंचित अल्पसंख्यक समुदाय के हितों के सुनिश्चित प्रतिनिधित्व के लिए एक समान अवसर आयोग का गठन किया जाए।
// विश्वविद्यालय मैं आती सामाजिक पिछड़े वर्गों के प्रवेश हेतु मापदंड तैयार किए जाएं।
// मदरसों को सीनियर सेकेंडरी से जोड़ा जाए एवं उनके द्वारा प्रदान किए गए उपाधियों की रक्षा सुनिश्चित की जाए जिससे अन्य परीक्षाओं के लिए ये सभी उपाधियां मान्य हों।
// राष्ट्रीय वक्त विकास निगम की 500 करोड रुपए की सिफारिश से स्थापना की जाए।
// विभिन्न सामाजिक आर्थिक वर्ग हेतु एक राष्ट्रीय डाटा बैंक का सृजन किया जाए।
// पसमांदा मुसलमान को अनुसूचित जाति अति पिछड़े वर्ग के रूप में वर्गीकृत किया जाए।
// सार्वजनिक निकायों में अल्पसंख्यकों की कार्य सहभागिता के लिए स्पष्ट और पारदर्शिता प्रक्रिया स्थापित की जाए।
// मुसलमान रोजगार दर बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
// विभिन्न धार्मिक सामाजिक श्रेणियां तक विकास के लाभ की पहुंच का समुचित आकलन किया जाए।
प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्री कार्यक्रम
अल्पसंख्यकों की कल्याण के लिए प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्री कार्यक्रम इस प्रकार है
- एकीकृत बाल विकास सेवाओं की समुचित उपलब्धता हेतु पोषण स्वास्थ्य जांच प्रतिरक्षक कारण के संबंध में औपचारिक व अनौपचारिक शिक्षा।
- विद्यालयों में शिक्षा की उपलब्धता को सुधारना, जिसके तहत सर्व शिक्षा अभियान, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजनाओं और ऐसी अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे विद्यालयों की एक निश्चित संख्या, अल्पसंख्यक समुदायों की घनी जनसंख्या वाले गांव क्षेत्र में स्थापित की जाए।
- उर्दू शिक्षण लिए और अधिक समाधान उपलब्ध हो सके, जिससे उन प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में उर्दू भाषा के प्राध्यापकों की भर्ती एवं तैनाती के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी जो इस भाषा वर्ग से संबंधित काम से कम एक चौथाई जनसंख्या की सेवा करते हैं।
- मदरसा शिक्षा आधुनिकरण कार्यक्रम की केंद्रीय योजना अंतर्गत स्कीम में शैक्षणिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में मूल शैक्षिक आधोसंरचना तथा मदरसा शिक्षा के आधुनिकरण के लिए प्रावधान है। इस आवश्यकता पर ध्यान देने के महत्व को देखते हुए, यह कार्यक्रम पर्याप्त रूप से शुभ अवस्थित व प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा।
- अल्पसंख्यक समुदायों के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिक पूर्व और मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना बनाई एवं कार्यान्वित की जाएगी।
- सरकार मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान के माध्यम से शैक्षिक आधोसंरचना को उन्नत करेगी और मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान को सभी संभव सहायता देगी ताकि यह अपने कार्यकलाप को अधिक प्रभावी रूप से सुदृढ़ व्यापक कर सके तथा आर्थिक क्रियाकलापों और रोजगार में अल्पसंख्यक वर्गों की समुचित हिस्सेदारी सुनिश्चित हो सके।
- गरीबों के लिए स्वरोजगार एवं मजदूरी रोजगार योजना को कार्यान्वित करना, स्वर्ण जयंती ग्राम योजना के प्राथमिक स्वरोजगार कार्यक्रम माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब ग्रामीण परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर लाना। स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना के शहरी स्वरोजगार योजना और शहरी मजदूर रोजगार कार्यक्रम के अंतर्गत भौतिक और आर्थिक लक्षण को कुछ प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय के गरीबों की रेखा से नीचे रहने वाले लोगो के लिए सुविधा प्रदान करना।
- तकनीकी शिक्षा के माध्यम से कौशल का उन्नयन करना। अल्पसंख्यक समुदाय की जनसंख्या का एक बड़ा भाग निम्न श्रेणी के तकनीकी कार्यों में सलगन है।या दस्तकारी द्वार उपजीविका कमाता है। ऐसे लोगों के लिए तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था कर दिए जाने से उनकी कौशल और उपजीविका क्षमता बढ़ जाएगी। इसलिए सभी नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से कुछ संस्थान अल्पसंख्यक समुदाय की बहुलता वाले क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे और उत्कृष्ट केदो के रूप में उन्नत किए जाने वाले मौजूदा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से कुछ संस्थाओं का उन्नयन इस आधार पर किया जाएगा।
- आर्थिक क्रियाकलापों के लिए अभिविवृतियों ऋण सहायता के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदायों में आर्थिक विकास की गतिविधियों को बढ़ावा देना। स्वरोजगार योजना के निर्माण और उसे बनाए रखने के लिए बैंक ऋण आवश्यक है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी श्रेणियां में प्राथमिकता क्षेत्र में दिए जाने वाले रन का निश्चय प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदायों के लिए है।
- राज्य सरकार को यह सलाह दी जाएगी की पुलिस कार्मिकों की भर्ती करते समय अल्पसंख्यक समुदायों के अभ्यर्थियों पर विशेष रूप से विचार किया जाएगा। इसके लिए चयन समितियां में अल्पसंख्यक प्रतिनिधियों की भागीदारी होनी चाहिए। केंद्र शासन केंद्रीय पुलिस बलों में कार्मिकों की भर्ती करते समय इसी प्रकार की कार्यवाही किया जाए। रेलवे राष्ट्रीयकृत बैंकों और पब्लिक सेक्टर उद्योगों में रोजगार के अवसर के मामलों में भी संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करेंगे की भर्ती करते समय अल्पसंख्यक समुदायों के अभ्यर्थियों पर विशेष ध्यान दिया जाए। अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को सरकारी व विश्वसनीय गैर सरकारी संस्थानों में एक विशेष योजना शुरू की जाएगी, अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों के जीवन स्तर की दशा में सुधार का प्रयास करना।
- इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत भौतिक व आर्थिक लक्ष्य का निश्चित प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदायों के लिए निर्धारित किया जाएगा।
- एकीकृत आवास एवं मालिन बस्ती विकास कार्यक्रम और जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण कार्यक्रम की योजना के अंतर्गत केंद्रीय सरकार शहरी मलिन बस्तियों के विकास के लिए राज्य सरकारों संघ राज्य क्षेत्र को सहायता देती है, जिससे इन बस्तियों में जन सुविधा और मूल सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके कार्यक्रमों के लाभ अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों तथा इन समुदायों की अल्पसंख्यक नगरों मलिन बस्तियों को उचित रूप से मिले।
- सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील और दंगा संभावित के रूप में अभी ज्ञात किए गए क्षेत्र में अधिक कुशल, निष्पक्ष और धर्मनिरपेक्ष जिला एवं पुलिस अधिकारियों को नियुक्त किया जाना चाहिए। ऐसे क्षेत्रों में और अन्य कहीं भी सांप्रदायिक तनाव को दूर करना जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक के प्राथमिक कर्तव्य में शामिल होना चाहिए। इस संबंध में इनका कार्य निष्पादन उनकी पदोन्नति नियमित करने में एक महत्वपूर्ण कारक होना चाहिए।
- उन लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए जो सांप्रदायिक दंगे भड़कते हैं अथवा हिंसा करते हैं। इसके लिए विशेष न्यायालय स्थापित किए जाने चाहिए ताकि अपराधों को शीघ्रता से सूचीबद्ध किया जा सके।
- सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत दी जानी चाहिए तथा उनके पुनर्वास के लिए उपयुक्त वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।