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पत्र लेखन के द्वारा हम दूर स्थित सगे संबंधियों कार्यालय के अधिकारियों या व्यापारियों मित्रों का मन के विचार का आदान-प्रदान कर सकते हैं पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  • पत्र की भाषा सरल सरस तथा स्पष्ट होनी चाहिए।
  • पत्र का आरंभ तथा समाप्ति अच्छे ढंग से होनी चाहिए।
  • जिस को पत्र लिखना है उससे संबंध और उसके पद के अनुसार शिष्टाचार पूर्ण शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
  • पत्र में व्यर्थ की बातें नहीं लिखनी चाहिए और नहीं पत्र में अभिमान पूर्ण शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
  • पत्र लिखते समय पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए।
  • पत्र लेखन में व्याकरणिक त्रुटि नहीं होनी चाहिए।

पत्रों के प्रकार

  • औपचारिक पत्र
  • अनौपचारिक पत्र

औपचारिक पत्र

औपचारिक पत्र तीन प्रकार के होते हैं

  • सरकारी पत्र
  • अर्ध सरकारी पत्र
  • व्यवसायिक पत्र

ब . अनौपचारिक पत्र

अनौपचारिक पत्र मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं

  • सामाजिक पत्र
  • निजी पत्र

नोट: व्यवसायिक पत्र औपचारिक व अनौपचारिक दोनों तरह के हो सकते हैं।

औपचारिक पत्र

औपचारिक पत्र विपत्र होते हैं जो सामान्यतः सरकारी और सरकारी एवं व्यवसायिक संस्थानों में पत्राचार करते हैं। इस पत्र की भाषा औपचारिक रूप से नपी तुली सरल स्पष्ट और मर्यादा पूर्वक होती है। औपचारिक पत्र के अंतर्गत सरकारी और सरकारी एवं व्यवसायिक पत्र आते हैं।

सरकारी पत्र या कार्यालय पत्र

ऐसा पत्र जो किसी मंत्रालय सचिवालय विभाग और शासकीय कार्यालयों आदि से जारी किया जाता है वह शासकीय पत्र माने जाते हैं

सामान्यतः शासकीय पत्रों में निम्न प्रकार के पत्रों को शामिल किया जाता है

  • परिपत्र
  • अधिसूचना
  • पृष्ठांकन
  • अनुस्मारक
  • प्रेस नोट
  • विज्ञापन
  • प्रतिवेदन
  • प्रपत्र
  • संविदा
  • सामान्य शासकीय पत्र
  • अर्ध शासकीय पत्र
  • ज्ञापन

इस पत्र लेखन में निम्नलिखित बिंदुओं को लिखना आवश्यक है

  1. ऊपर में कार्यालय एवं विभाग का नाम लिखा जाना आवश्यक है
  2. प्रपत्र क्रमांक ( बाएं तरफ)
  3. स्थान एवं दिनांक( दाएं तरफ)
  4. प्रेषिकी( पत्र भेजने वाला अधिकारी) का पदनाम (प्रेषक कुछ आगे में)
  5. विषय ( संक्षेप में बाएं तरफ से)
  6. संदर्भ( बाएं तरफ से यदि हो तो)
  7. संबोधन सूचक शब्द/अभिवादन (बाएं तरफ महोदय)
  8. पत्र का मूल विषय(किसी भाग में विषय वस्तु का विस्तार विवरण दिया जाता है)
  9. प्रेषक का बदनाम हुआ हस्ताक्षर(दाएं तरफ)
  10. प्रतिलिपि(साक्षरता के नाम और पते के बाईं ओर से)

कार्यालयीन पत्र का प्रारूप

कार्यालय का नाम एवं पता

पत्र क्रमांक………… ‌‌ ‌। दिनांक………..

प्रेषकी(पत्र भेजने वाले अधिकारी का पद नाम, कार्यालय का नाम एवं पता

विषय:-

संदर्भ:-

संबोधन सूचक शब्द/अभिवादन

पत्र का मूल विषय – पत्र के मुद्दे का परिचय

-मुख्य विषय वस्तुएं

  • ‌‌- पत्र का समापन
  • ‌‌ – धन्यवाद /आदर शब्द

शिष्टता सूचक शब्द

हस्ताक्षर……

पद का नाम …..

संलग्न प्रतिलिपि:-

……….

.1………….

2………..

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