अल्पसंख्यक आयोग
अल्पसंख्यक आयोग –
गृह मंत्रालय के संकल्प दिनांक 12-01-1978 की परिकल्पना के तहत अल्पसंखयक आयोग की स्थापना की गई थी । विशेष रूप से उल्लेख किया गया था की सविधान तथा कानून में संरक्षण प्रदान किये जाने के बाऊजुद अल्पसंखयक , असमानता योन भेदभाव को महसूस करते है । इस क्रम में धर्म निरपेक्ष परम्परा को बने रखने के लिए था राष्टीय यकता को बढ़ावा देने लिए भारत सरकार अल्पसंख्यको के लिए सुरक्षा उपायों को लागु करने विशेष बल दे रही है इसके तहत समय समय पर लागु होने वाली प्रसासनिक योजनाओं , अल्पसंख्यको के लिए सविधान , केंद्र एंव राज्य विधान मंडलो में लागु होने वाली नीतियों की सुरक्षा के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु प्रभावशली संस्था की व्यस्था करना भी शामिल है । वर्ष 1984 में कुछ समय के लिए अल्पसंख्यक आयोग को गृह मंत्रालय से कुछ समय के लिए अलग कर दिया गया था ।
राष्टीय अल्पसंख्यक आयोग
राष्टीय अल्पसंख्यक आयोग
गठन –
राष्टीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना संसद के द्वारा 1992 के राष्टीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम के नियम के साथ हुई थी। कल्यानमंत्रलय , भारत सर्कार द्वारा 23 अक्टूबर 1993 को अधिसूचना जारी कर अल्पसंख्यक समुदायों के रूप में पांच धार्मिक समुदाय यथा – मुस्लिम , ईसाई , सिख , बौद्ध तथा पारसी समुदायों को अधिसूचित किया गया था । 2001 की जनगड़ना के अनुसार देश की जनसंख्या में पांच धार्मिकद अल्पसंखयक समुदायों का प्रतिसत 18.42 है ।
आयोग की संरचाना
आयोग की संरचाना –
केंद्र द्वारा प्रतिष्ठित , क्षमतावान , सत्य निश्ठ व्यक्तियों में नामित
1 एक अध्यक्ष
2 एक उपाध्यक्ष
3 पांच सदस्यों को मिलकर एक आयोग का गठन किया गया । आयोग के अध्यक्ष सहित अल्पसंखयक समुदाय से संबंधित होंगे ।
केंद्र सर्कार द्वारा समय – समय पर अध्यक्ष , उपाध्यक्ष , एव सदस्यों को नामित करती रहेगी ।
आयोग की कार्य
आयोग को निम्नलिखित कार्यों का संपादन हेतु आदेश दिया गया है –
/// संघ था राज्यों के अल्पसंखयकों की उनती था विकाश का मूल्यांकन करना ।
/// संविधान में निर्दिष्ठ था संसद और राज्यों की विधान सभाओं / परिषदों के द्वारा अधिनियमित कानूनों के अनुसार अल्पसंख्यक के संरक्षणों से संबंधित कार्यों की निगरानी करना ।
/// केंद्रीय सर्कार या राज्य सरकार के द्वारा अल्पसंख्यंकों की हिट रक्षा के लिए संरक्षण के प्रभावी क्रियान्यों के लिए अनुसंसा करना ।
///
अल्पसंख्यक के सामाजिक , आर्थिक तथा शैक्षणिक विकाश से संबंधित विषये का अध्ययन करना , अनुसन्धान तथा विश्लेषण की व्योवस्था करना ।
/// अल्पसंखयक के विरुद्ध किसी भी प्रकार के भेद भाव से उत्पन समस्याओं के कारणों का अध्ययन करना ।
/// अल्पसंखयकों से सम्बंधित किसी भी मामले में विशेषतया उनके सामने होने वाले कठिनाइयों पर केंद्रित सर्कार हेतु नियतकालिक या विशेष रिपोर्ट तैयार कारण और कोई भी अन्य विषय जिसे सर्कार के सामने प्रश्तुत किया जा सकता है तैयार करना ।